कई मुस्लिम स्कॉलर ने भी इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठाई कि कोई भी आदमी तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कह कर अपनी पत्नी से छुटकारा नहीं ले सकता है.